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Tuesday, December 14, 2010

महफूज़ इन कागज़ों के पन्नो में
एक एहसास है,
महफूज़  इस सफ़ेद रंग में,
रंग कुछ ख़ास हैं |


महफूज़ इस चेहरे में
एक आस है,
महफूज़ इन होटों में
प्यास है |


महफूज़ मुखौटे में
राज़ है,
महफूज़ हर धुन में
साज़ है |


महफूज़ आग में
गर्मी है,
महफूज़ चाँद में
नर्मी है |


महफूज़ इस गहरे कोहरे में
तस्वीर है,
महफूज़ इस दाव में
तकदीर है |


महफूज़ इस काली स्याही में
अमर होने की चाह है,
महफूज़ हर दिशा में
एक राह है |


महफूज़ मोमबत्ती में
पिघलने की  क्षमता है,
महफूज़ इस रुके हुए आसूं  में
पिघली  हुई  ममता  है |


महफूज़ उस  मासूम बच्चे की हसी में
एक अजीब जज़्बात है,
जो भुला दे पल में सारे तनाव
क्या बात है !


महफूज़ उस शीशे में
एक स्थिर आकृति है,
महफूज़ फिर  गिर कर उठने, उठ कर चलने में
ही जागृती है |


महफूज़ उस मदिरा के जाम में
खामोशी है,
महफूज़ आँखों में
मदहोशी है |


महफूज़ हर शतरंज की चाल में
ख्याल है,
महफूज़ क्यों इतने सवाल हैं ?


महफूज़ इस लाल रंग में
यह कैसा गुरूर  है ?
महफूज़ हर जान में
एक आब-रूह है |


राख में ,
         फिराक है... महफूज़
अपने आप में,
         है महफूज़...


In love with the word Mehfuz...


completed on 7.12.09